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11. विवाह की परिभाषा दीजिए तथा विवाह के प्रमुख उद्देश्य बताइए। अथवा विवाह किसे कहते हैं? इसके प्रमुख उद्देश्य एवं महत्त्व बताइए।
12. नातेदारी किसे कहते हैं? नातेदारी व्यवहार की प्रमुख प्रथाओं (रीतियों) की विवेचना कीजिए।
13. धर्म को परिभाषित कीजिए। समाज में समाज में इसकी क्या भूमिका है? बताइए। अथवा धर्म किसे कहते हैं? इसके प्रमुख कार्यों की विवेचना कीजिए|
14. बाजार किसे कहते हैं? बाजार के प्रमुख लक्षण बताइए।
15. बाजार के विभिन्न प्रकारों का सामान्य परिचय दीजिए। अथवा बाजार किस प्रकार से एक आर्थिक संस्था के साथ–साथ सामाजिक संस्था भी है। विवेचना कीजिए।
16. दुर्खीम के 'समाज में श्रम–विभाजन के सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए। अथवा दुर्खीम के द्वारा प्रतिपादित श्रम–विभाजन के सिद्धान्त की आलोचनात्मक परीक्षा कीजिए।
17. अभिजन की परिभाषा लिखिए। पेरेटो के अभिजन सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए। अथवा पेरेटो के अभिजन सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
18. वेबर के नौकरशाही के सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा प्रस्तुत कीजिए। अथवा मैक्स वेबर के अनुसार नौकरशाही की क्या विशेषताएँ हैं?
19. राजनीतिक दल क्या है? लोकतान्त्रिक राज्यों में राजनीतिक दल कौन–कौन से कार्य करता है? समझाइए। अथवा राजनीतिक दल को परिभाषित कीजिए तथा दबाव गुट से इसका अन्तर बताइए।
20. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए – (1) समाजशास्त्र का महत्त्व (Significance of Sociology) (2) जोखिम समाज (Risk Society) (3) वैश्वीकरण (Globalization)।
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