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समाजशास्त्रीय अवधारणाएं >
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1. समाजशास्त्र को किस प्रकार से परिभाषित किया गया है? व्याख्या कीजिए। अथवा समाजशास्त्र को परिभाषित कीजिए। इसकी विभिन्न परिभाषाओं की सामान्य विवेचना प्रस्तुत कीजिए। अथवा समाजशास्त्र किसे कहते हैं? समाज के क्रमबद्ध ज्ञान एवं सामान्य बौद्धिक ज्ञान में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
2. समाजशास्त्र सामाजिक सम्बन्धों के विषय में है, सम्बन्धों के जाल को हम समाज कहते हैं। इस कथन की व्याख्या कीजिए। अथवा समाजशास्त्र समाज का विज्ञान है। इस कथन की पुष्टि कीजिए।
3. सामाजिक संरचना के बारे में रैडक्लिफ–ब्राउन के विचारों का उल्लेख कीजिए। अथवा रैडक्लिफ–ब्राउन द्वारा प्रतिपादित सामाजिक संरचना की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
4. सामाजिक प्रकार्य अथवा प्रकार्य का अर्थ, परिभाषा देते हुए सामाजिक संरचना व प्रकार्य में सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
5. समाज की विशेषताओं सहित व्याख्या कीजिए। अथवा समाज का अर्थ बताइए। इसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
6. समाज में सहयोग एवं संघर्ष पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। अथवा समाज में सहयोग और संघर्ष का ताना–बाना पाया जाता है। इस कथन की विवेचना कीजिए।
7. समुदाय को परिभाषित कीजिए तथा इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए|
8. सामाजिक समूह से आप क्या समझते हैं? अर्थ स्पष्ट करें तथा परिभाषा दें। अथवा प्राथमिक समूह क्या है? प्राथमिक समूह का महत्त्व स्पष्ट कीजिए। प्राथमिक एवं द्वितीयक समूह में अन्तर लिखिए।
9. स्थिति एवं भूमिका की अवधारणाएँ स्पष्ट कीजिए तथा दोनों में सम्बन्ध बताइए|
10. परिवार की परिभाषा दीजिए तथा इसके कार्यों को स्पष्ट कीजिए। अथवा परिवार क्या है? परिवार के प्रकार्यात्मक पहलुओं की व्याख्या कीजिए।
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