Top
Home>
प्रतिष्ठित विचारक >
Page 1
1. कॉप्ट की समाजशास्त्र की अवधारणा की स्पष्ट व्याख्या कीजिए। अथवा कॉम्ट के सामाजिक स्थितिशास्त्र तथा सामाजिक गतिशास्त्र के सिद्धान्तों की समीक्षात्मक व्याख्या कीजिए।
2. मानवीय ज्ञान का विकास तीन स्तरों द्वारा हुआ है। व्याख्या कीजिए। अथवा प्रत्यक्षवाद तीन स्तरों के विषय में तृतीय स्तर है। इस कथन को विस्तारपूर्वक समझाइए।
3. कॉम्ट के विज्ञानों के वर्गीकरण के सिद्धान्त का विश्लेषण कीजिए। अथवा कॉम्ट द्वारा किए गए विज्ञानों के वर्गीकरण का आधार कुछ भी हो, उसका उददेश्य समाजशास्त्र की नींव दृढ़ करना था। इस कथन की विवेचना कीजिए।
4. प्रत्यक्षवाद के जन्मदाता स्वयं ही सबसे कम प्रत्यक्षवादी थे। कॉम्ट के सन्दर्भ में इस कथन की व्याख्या कीजिए। अथवा ऑगस्त कॉम्ट की प्रत्यक्षवाद की अवधारणा की समीक्षा कीजिए।
5. स्पेन्सर के सामाजिक उद्विकास सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
6. मैक्स वेबर की समाजशास्त्र की अवधारणा की विवेचना कीजिए तथा इसकी प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
7. मैक्स वेबर की समाजशास्त्र की अवधारणा की विवेचना कीजिए तथा इसकी प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
8. मैक्स वेबर की सामाजिक क्रिया की अवधारणा को समझाइए। अथवा सामाजिक क्रिया किसे कहते हैं? इसके तत्त्वों एवं प्रकारों की विवेचना कीजिए।
9. आदर्श-प्रारूप से आप क्या समझते हैं? इस सन्दर्भ में वेबर के विचारों की व्याख्या कीजिए। अथवा आदर्श प्रारूप किसे कहते हैं? वेबर द्वारा प्रतिपादित नौकरशाही के आदर्श प्रारूप की व्याख्या कीजिए।
10. सामाजिक तथ्य से आशय एवं विशेषताएँ बताइए। अथवा सामाजिक तथ्य क्या है? सामान्य तथा व्याधिकीय सामाजिक तथ्य में अन्तर बताइए।
❮ Previous
Next ❯
Popular Links
Question Papers
UGC NET PAPERS
MP Board Question Papers