व्यष्टि अर्थशास्त्र

प्रश्न 2 व्यष्टि अर्थशास्त्र के प्रकारों को समझिए

Answer : व्यष्टिगत अर्थशास्त्र के प्रकार
व्यष्टिगत अर्थशास्त्र को निम्नलिखित तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है

(1) व्यष्टिगत स्थैतिक- व्यष्टिगत स्थैतिक यह मानते हुए कि समय विशेष में साम्य की स्थिति रहती है, एक दिये हुए समय पर व्यष्टिगत चरों के सम्बन्धों का साम्य की स्थिति में अध्ययन करता है। उदाहरण के लिए, किसी वस्तु की कीमत एक बाजार में उस वस्तु की माँग और पूर्ति के साम्य द्वारा निर्धारित होती है। व्यष्टिगत स्थैतिक दिये हुए समय पर इस वस्तु की साम्य या सन्तुलन कीमत का अंध्ययन करेगी और पूर्ति की शक्तियों को स्थिर मान लेगी। संक्षेप में, व्यष्टिगत स्थैतिक केवल विशिष्ट चरों के सम्बन्ध के 'स्थिर या शान्त चित्रों का अध्ययन करती है । यह रीति आंशिक साम्य विश्लेषण से सम्बन्धित होती है ।

(2) तुलनात्मक व्यष्टिगत स्थैतिक- तुलनात्मक व्यष्ट्रिगत स्थैतिक व्यष्टिगत चरों के सम्बन्धों की साम्य स्थितियों की तुलना करती है। विश्लेषण की यह विधि सन्तुलन की दो स्थितियों का तुलनात्मक अध्ययन करती है परन्तु इस तथ्य पर प्रकाश नहीं डालती कि व्यष्टिगत सन्तुलन की एक स्थिति से दूसरी स्थिति तक किस प्रकार पहुँचा गया है ।

(3) व्यष्टिगत प्रावैगिक- व्यष्टिगत प्रावैगिक विश्लेषण उस समायोजन की प्रक्रिया का अध्ययन करती है जिसके द्वारा विशिष्ट चरों के सम्बन्धों की एक सन्तुलन स्थिति से दूसरी सन्तुलन की स्थिति तक पहुँचा जाता है। उदाहरण के लिए, एक बाजार में एक वस्तु की कीमत माँग और पूर्ति के सन्तुलन का परिणाम है। यदि माँग में वृद्धि हो जाती है तो उस वस्तु के बाजार में असन्तुलन उत्पन्न हो जायेगा और असन्तुलनों की एक श्रृंखला द्वारा उस वस्तु के बाजार में कीमत की अन्तिम सन्तुलन स्थिति में पहुँचा जायेगा। व्यष्टिगत प्रावैगिक समायोजन की इसी प्रक्रिया का अध्ययन करता है अर्थात् अन्तिम सन्तुलन की स्थिति तक पहुँचने के लिए। असन्तुलनों की श्रृंखलाओं का अध्ययन करता है।


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