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Que : 86. स्प्रेडशीट को विस्तार से समझाइए।

स्प्रेडशीट क्या है? संक्षिप्त में समझाइए ।

इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट क्या होती है? स्प्रेडशीट के क्या लाभ हैं?

स्प्रेडशीट क्या है? इसकी विभिन्न विशेषताओं को लिखिए।
Answer:

उत्तर – एम.एस. एक्सेल के डॉक्यूमेंट को ही वर्कबुक कहते हैं। प्रत्येक वर्क बुक के अन्दर 16 वर्कशीट (स्प्रेडशीट) होती हैं लेकिन इस संख्या को डीफॉल्ट विकल्प में जाकर पुन: व्यवस्थित करके घटाया- बढ़ाया जा सकता हैं। एक वर्क बुक के अन्दर तीन स्प्रेडशीट होती हैं। स्प्रेडशीट के द्वारा एक जैसी सूचनाओं की फाइलों को एक जगह एकत्रित करने में आसानी होती है।



रो और कॉलम से गिलकर एक आयताकार बॉक्स बनता है, जिसे सेल कहते हैं प्रत्येक सेल करीब 255 अक्षर स्टोर कर सकता है। प्रत्येक सेल के चारों ओर बॉर्डर होता है इसे ग्रिडलाइन कहते हैं। प्रत्येक सेल का अपना एक एड्रेस होता है जो कि उसके कॉलम लेबल अथवा रो नम्बर से मिलकर बनता है अर्थात् वर्कशीट का पहला सैल "A1" कहलाएगा।

सेल के आकार का ही एक्सेल में एक पॉइन्टर होता है, इसे सेल पॉइन्टर कहते हैं। यह की बोर्ड की 'ऐरो की' की सहायता से ऊपर नीचे, दायीं तथा बायीं ओर घुमाया जा सकता है। जिस सेल में डेटा टाइप करते हैं, वह एक्टिव सैल कहलाता है।

प्रत्येक सेल का आयताकार समूह रेंज कहलाता है। सबसे छोटी रेंज एक सेल होती है तथा बड़ी रेंज वर्क बुक होती है। रेंज को (:) अथवा (..) से व्यक्त करते हैं। जैसे B3: B9 रेंज को B3..B9 भी लिख सकते हैं।

स्प्रेडशीट में रोज की पहचान क्रम संख्या से की जाती है, जैसे 1, 2, 3, ...आदि। कॉलम को अक्षरों A, B, C आदि से पहचाना जाता|

उदाहरण के लिए D5 का अर्थ बायीं ओर से चौथे कॉलम का ऊपर से पांचवाँ सेल। स्प्रेडशीट में प्रत्येक रो के बांये तथा प्रत्येक कॉलम के ऊपर उनका नाम लिखा रहता है।

इलेक्ट्रॉनिक वर्कशीट या स्प्रेडशीट का प्रयोग डेटाबेस से संबंधित सूचना (एक या इससे अधिक रिकार्ड का समूह) को स्टोर करने, उन रिकार्ड पर किसी भी प्रकार की कैलकुलेशन करने तथा चार्ट बनाने के लिए किया जाता है।

उदाहरण के लिए किसी कम्पनी की वार्षिक आय का विवरण एक सारणी में प्रदर्शन के अलावा यह उसे ग्राफ के रूप में भी प्रदर्शित कर सकता है। एम. एस. एक्सेल एक स्प्रेडशीट प्रोग्राम है, जिसकी मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

स्प्रेडशीट की विशेषताएँ (Characteristics of Spreadsheet) – स्प्रेडशीट की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(i) रिकैलकुलेशन (Recalculation)- इलेक्ट्रॉनिक वर्कशीट में एक बार फॉर्मूले के द्वारा कैलकुलेशन करने के बाद अगर यूजर किसी भी डेटा वैल्यू में परिवर्तन करते हैं तो उन्हें उसकी दोबारा कैलकुलेशन करने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वर्कशीट उसकी रिकैलकुलेशन अपने आप नई वैल्यू के अनुसार स्वतः ही कर देता है।

(ii) ग्राफ (Graph) – एम. एस. एक्सेल में स्टोर सारणीबद्ध सूचना यूजर ग्राफ के द्वारा आकर्षक तरीके से प्रदर्शित कर सकते हैं। चार्ट न्यूमेरिक डेटा का विश्लेषण करने का बहुत ही आसान तरीका है। एम.एस. एक्सेल चार्ट बनाने के लिए चार्ट विजार्ड प्रदान करता है जिसका प्रयोग करते हुए आसानी से चार्ट बना सकते हैं।

(iii) फंक्शन (Function) - एक्सेल वर्कशीट में स्टोर डेटा की कैलकुलेशन करने के लिए फॉर्मूलों की सुविधा प्रदान करता है। एम. एस. एक्सेल में फायनेन्शियल, डेट और टाइम, मैथ, डेटाबेस, लॉजिकल टैक्स्ट आदि मुख्य फंक्शन हैं जिनके द्वारा किसी भी प्रकार की गणना कर सकते हैं।

(iv) पीवोट टेबल (Pivot Table) - एम. एस. एक्सेल में न्यूमेरिक डेटा का विश्लेषण करने के लिए चार्ट का प्रयोग करते हैं। अगर न्यूमेरिक डेटा काफी जटिल है तो उस डेटाबेस का पीवोट चार्ट बनाकर उसे आसानी से विश्लेषित कर सकते हैं।

(v) लेखा-जोखा (Auditing) - एम. एस. एक्सेल वर्कशीट में स्टोर डेटा का लेखाजोखा रखने की सूचियाँ प्रदान करता है। एक्सेल की इस विशेषता के द्वारा यह पता लगा सकते हैं कि कैलकुलेट किये गये फंक्शन में कौन-कौन सी डेटा वैल्यू शामिल हैं तथा किसी विशेष वैल्यू का प्रयोग किस-किस गणना में शामिल किया गया है।

(vi) डेटाबेस (Database) - एम. एस. एक्सेल का प्रयोग करके डेटाबेस को स्टोर कर सकते हैं। एक या एक से अधिक रिकॉर्ड के समूह को डेटाबेस कहा जाता है। वर्कशीट में डेटाबेस स्टोर करने के बाद डेटाबेस पर किसी भी प्रकार की संक्रिया कर सकते हैं, जैसे- कैलकुलेशन, समराइज रिपोर्ट, लेखाजोखा, प्रिंटिंग इत्यादि।

(vii) फ्रीज पेन (Freeze Pane) - एम. एस. एक्सेल के द्वारा वर्कशीट की हैडिंग को स्क्रीन पर स्थित करके, वर्कशीट में स्क्रॉलिंग के दौरान अंत तक जाने पर उस वर्क हैंडिंग अथवा टाइटल को स्क्रीन पर देख सकते हैं।

(viii) कंडीशनल फॉर्मेटिंग (Conditional Formatting) - एम.एस. एक्सेल में स्टोर सूचना को विशेष लॉजिकल कंडीशन के आधार पर फॉर्मेट करके एक विशेष रेंज के आधार पर प्रदर्शित कर सकते हैं।

(ix) एडिटिंग तथा सूचना शेयरिंग (Editing and Information Sharing) - एम.एस. एक्सेल में स्टोर सूचना में किसी भी प्रकार का परिवर्तन किया जा सकता है। यह परिवर्तन करने के लिए कट, क्लीयर, डिलीट, फाइन्ड एण्ड रिप्लेस कमाण्ड का प्रयोग करते हैं। एम.एस. एक्सेल में स्टोर सूचना को एक विंडो से दूसरी विंडो तथा एक प्रोग्राम से दूसरे प्रोग्रामों व किसी दूसरे प्रोग्रामों की सूचना को भी इन प्रोग्रामों में लाया जा सकता है। इस प्रकार के कार्य को इनफॉर्मेशन शेयरिंग कहा जाता है।

स्प्रेडशीट के लाभ (Advantages of Spreadsheet) – स्प्रेडशीट को उपयोग करने के निम्नलिखित लाभ होते हैं-

(i) स्प्रेडशीट में अत्यधिक मात्रा में डेटा को एन्टर कराया जा सकता है। डेटा को कम्प्यूटर की सैकंडरी मैमोरी में स्टोर किया जा सकता है तथा बाद में आवश्यकता पड़ने पर इन्हें पुनः प्राप्त किया जा सकता है।

(ii) डेटा की एन्ट्री आसान तथा तीव्र होती है।

(iii) यदि बाद में डेटा में कुछ परिवर्तन करने हों तो स्प्रेडशीट में इन परिवर्तनों को करना बहुत सरल होता है।

(iv) स्टोर डेटा से सार्थक सूचनाओं (meaningful information) को निष्कर्षित करना बहुत आसान होता है।

(v) अत्यधिक मात्रा में डेटा की कैलकुलेशन शीघ्र संपादित की जा सकती है तथा यह पूर्णतः ऐरर फ्री होती है। कैलकुलेशन से प्राप्त परिणाम बहुत ही विश्वसनीय होते हैं। यदि एन्टर किया गया डेटा सही है तो प्राप्त परिणाम भी बिल्कुल सही होते हैं।

(vi) ऑटोमेटिक रिकैलकुलेशन स्प्रेडशीट की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। स्प्रेडशीट में एक बार फॉर्मूले के द्वारा कैलकुलेशन करने के बाद, अगर हम किसी डेटा वैल्यू में परिवर्तन करते हैं तो उसकी दुबारा कैलकुलेशन करने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि स्प्रेडशीट उसकी रिकैलकुलेशन अपने आप नई वैल्यू के अनुसार कर परिणाम स्वतः ही दे देता है।

स्प्रेडशीट सारणीबद्ध रूप में उपस्थित डेटा की गणना करने तथा डेटा पर आधारित विश्लेषणों को करने में उपयोग किया जा सकता है। किसी कम्पनी की वार्षिक आय का विवरण एक सारणी के रूप में प्रदर्शित करने के अलावा, यह उन सूचनाओं को ग्राफ के रूप में भी प्रदर्शित कर सकता है। स्प्रेडशीट का प्रयोग डेटा की कैलकुलेशन करने तथा उन्हें स्टोर करने में किया जाता है।