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Que : 6. कम्प्यूटर की विशेषताएँ लिखिए।

कम्प्यूटर के गुण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

Answer:

उत्तर – कम्प्यूटर के विशिष्ट गुण निम्नलिखित हैं-

(i) स्वचालन (Automation) - कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है। एक बार इसे सही अनुदेश दिया जाए तो यह तब तक कार्य करता रहेगा जब तक कि इसे रुकने का अनुदेश न मिल जाए। इस प्रकार मानव हस्तक्षेप की जरूरत कम पड़ती है और समय की बचत होती है।

कम्प्यूटर गणनाएँ करते समय कुछ लॉजिकल क्रियाएँ भी करता है। जैसे मार्कशीट बनाने का उदाहरण लें, यदि प्रत्येक विद्यार्थी ने 6 विषयों में परीक्षा दी है तो उसका कुल योग निकालने के लिए कैलकुलेटर में पहले एक विषय के अंक भरने पड़ेंगे तथा फिर + का बटन दबाने के बाद फिर दूसरे विषय के अंक भरने पड़ेंगे। यही क्रम 6 बार करना पड़ेगा तथा अंतिम विषय के अंक भरने के बाद '=' के बटन से कुल योग किया जाएगा।

अगर यही कार्य हमें हजारों विद्यार्थियों के लिए करना हो तो बहुत समय लगेगा लेकिन कम्प्यूटर से यही कार्य पलक झपकते ही कराया जा सकता है। इस कार्य में सिर्फ सारे आंकड़े कम्प्यूटर में डालने मात्र का समय लगेगा, एक बार डेटा कम्प्यूटर में डाल दिया जाए, तो एक प्रोग्राम देकर हम उससे तरह-तरह के कार्य करा सकते हैं।

(ii) गति (Speed) - कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा महत्व उसकी तीव्र गति के कारण है। मशीनों की सहायता से आप कार्य करने की स्पीड बढ़ा सकते हैं। इसी प्रकार कम्प्यूटर किसी भी कार्य को बहुत तेजी से कर सकता है । कम्प्यूटर कुछ ही क्षण में गुणा, भाग या जोड़/घटाव की लाखों क्रियाएँ कर सकता है। यदि आपको 440 × 56 का गुणा करना हो तो इसमें लगभग 1 से लेकर 2 मिनट तक आपको समय लग सकता है। यही कार्य पॉकेट कैलकुलेटर से करें तो वह लगभग 5 सेकण्ड में किया जा सकता है। लेकिन एक आधुनिक कम्प्यूटर में यदि प्रोग्राम दिया गया हो तो ऐसे 30 लाख ऑपरेशन एक साथ सम्पन्न हो सकते हैं।

(iii) शुद्धता (Accuracy) - कम्प्यूटर अपना कार्य बिना किसी गलती के करता है। यदि आपको 10 अंकों की 2 अलग-अलग संख्याओं का गुणा करने के लिए कहा जाए तो आप इसमें कई बार गलती करेंगे। लेकिन साधारणतः सभी कम्प्यूटर 38 अंकों वाली संख्याओं के ऊपर किसी भी प्रक्रिया (operation) को बिना किसी गलती के पूरा कर सकते हैं। कम्प्यूटर द्वारा गलती किये जाने के कई उदाहरण सामने आते हैं। लेकिन इन सारी गलतियों में या तो गलती कम्प्यूटर में डेटा डालने के वक्त की गई होती है, या प्रोग्राम देते समग, कम्प्यूटर स्वयं कभी गलती नहीं करता है।

(iv) सार्वभौमिकता (Versatility) - कम्प्यूटर अपनी सार्वभौमिकता वाले गुण के कारण बड़ी तेजी से सारी दुनिया में छाता जा रहा है। कम्प्यूटर किसी भी यंत्र का नाम न रहकर ऑटोमेटिक मशीनों के समूह का नाम हो गया है। कम्प्यूटर को पहले गणितीय कार्यों को सम्पन्न करने के लिए बनाया गया था। लेकिन धीरे-धीरे यह व्यवसायिक कार्यों के लिए अधिक प्रयोग में लाया जाने लगा है। इसके उदाहरण निम्नलिखित हैं-

(अ) कम्प्यूटर के साथ प्रिंटर लगाकर सभी प्रकार की सूचनाएँ कई प्रकार के डिजाइनों में पेश की जा सकती हैं।

(ब) कम्प्यूटर के साथ प्रिंटर/प्लॉटर लगाकर तरह-तरह के डिजाइन बनाए जा सकते हैं।

(स) कम्प्यूटर को टेलीफोन लाइन से जोड़कर सारी दुनिया में सूचनाएँ भेजी जा सकती हैं या प्राप्त की जा सकती हैं।

(v) उच्च संग्रह क्षमता (High Storage Capacity) - एक कम्प्यूटर सिस्टम की डेटा की स्टोरेज कैपेसिटी बहुत उच्च होती है। कम्प्यूटर लाखों शब्दों को बहुत कम जगह में स्टोर करके रख सकता है। यह सभी प्रकार के डेटा, चित्र, प्रोग्राम, गेम्स तथा आवाज को कई वर्षों तक स्टोर करके रख सकता है। स्टोर इनफॉर्मेशन को कुछ ही सेकण्ड में प्राप्त कर सकते हैं तथा अपने उपयोग में ला सकते हैं|

(vi) याद रखने की शक्ति (Power of Remembrance) - कम्प्यूटर सारी बातें, चाहे वह महत्वपूर्ण हों या न हों, स्टोर करके रखता है तथा बाद में कभी भी किसी भी सूचना को आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध कराता है तथा वह सूचना बहुत वर्षों के बाद भी उतनी ही शुद्ध रहती है जितनी कि पहले दिन ।

(vii) विश्वसनीयता (Reliability) - कम्प्यूटर की याद रखने की शक्ति व शुद्धता बहुत उच्च कोटि की होती है । कम्प्यूटर से जुड़ी हुई सारी क्रियाएँ विश्वसनीय होती हैं और यह कई वर्षों तक कार्य करते हुए थकता नहीं है। 10 वर्ष से अधिक समय के बाद भी यह अपनी मैमोरी में से डेटा को बिना किसी परेशानी के तुरंत यूजर को दे सकता है।