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Que : 52. ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्यों को समझाइए।

ऑपरेटिंग सिस्टम के क्या उद्देश्य हैं?

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ? इसके कार्य समझाइए।

ऑपरेटिंग सिस्टम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है ? विभिन्न प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम लिखिए।

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ? ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य समझाइए।
Answer:

उत्तर- ऑपरेटिंग सिस्टम एक तरह का कम्प्यूटर का कंट्रोल प्रोग्राम है जो कि प्रयोगकर्ता और हार्डवेयर के बीच तथा हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच मध्यस्थता (mediation) का काम करता है। यह कम्प्यूटर के विभिन्न पेरीफेरल हिस्सों, जैसे – प्रिंटर, मॉनीटर, की-बोर्ड इत्यादि की जाँच कर पूरे कम्प्यूटर पर नियंत्रण रखता है और एक-दूसरे के मध्य संवाद (communication) की अनुमति देता है। यह वास्तव में हार्डवेयर को ऑपरेट करता है। यह किसी प्रोग्राम को डिस्क में स्टोर करने, डिस्क से या डिस्क में कॉपी करने, हटाने (delete) इत्यादि की अनुमति देता है। कम्प्यूटर स्वयं ही प्रयोगकर्ता से संवाद नहीं कर सकता है, उसे किसी प्रकार का वार्तालाप साधन चाहिए जो ऑपरेटिंग सिस्टम देता है। वास्तव में यह स्वयं ही कुछ प्रोग्रामों का संग्रह है। ये प्रोग्राम निर्देशों व प्रश्नों का कम्प्यूटर या मशीनी भाषा में व अनुवाद करते हैं और उसके बाद कम्प्यूटर के प्रत्युत्तर को मशीनी भाषा से अंग्रेजी भाषा में अनुवादित करते हैं। विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटरों के लिए विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम बनाये गये हैं। जैसे – पी.सी. के लिए DOS, OS/2, XENIX, UNIX, मेकिनटोस के लिए मेकिनटोस ऑपरेटिंग सिस्टम, कम्प्यूटर नेटवर्किंग के लिए लेन (LAN) ऑपरेटिंग सिस्टम इत्यादि।

ऑपरेटिंग सिस्टम एक कम्प्यूटर की सभी डिवाइसों का नियंत्रण करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम को मास्टर कंट्रोल प्रोग्राम भी कहते हैं। कम्प्यूटर के ऑन होने के बाद ऑपरेटिंग सिस्टम सबसे पहले मैमोरी में स्टोर हो जाता है और फिर ऑपरेटिंग सिस्टम डिस्क पर स्टोर रहता है। दूसरे शब्दों में, कम्प्यूटर सिस्टम के लिए जितनी जरूरी ऊपरी मशीनें हैं उतने ही आवश्यक संचालन के लिए जरूरी निर्देश भी हैं। इन्हीं निर्देशों को ऑपरेटिंग सिस्टम कहते हैं। इनमें हर विशिष्ट कार्य के लिए अलग-अलग निर्देश होते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्याम से ही उपभोक्ता और कम्प्यूटर के बीच संबंध बनता है। यूजर जो भी निर्देश कम्प्यूटर के लिए देते हैं, कम्प्यूटर उसे ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से पूरा करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Functions of Operating System) - ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किये जाने वाले विभिन्न कार्य निम्नलिखित हैं -

(i) इनपुट/आउटपुट मैनेजमेंट (Input/Output Management)- इस मैनेजमेंट के अंतर्गत विभिन्न इनपुट तथा आउटपुट डिवाइसों का समन्वय तथा उन डिवाइसों को कार्य सौंपा जाना सम्मिलित है, जिनमें एक या एक से अधिक प्रोग्राम क्रियान्वित होते हैं।

(ii) मैमोरी मैनेजमेंट (Memory Management) – इसके अंतर्गत सिस्टम प्रोग्राम, यूजर प्रोग्राम तथा डेटा को मेन मैमोरी में स्टोर कराया जाता है।

(iii) फाइल जमेंट (File Management) – इसके अंतर्गत विभिन्न फाइलों को स्टोर किया जाता है तथा उन फाइलों को एक डिवाइस पर हस्तांतरित किया जाता है। यह इस बात की स्वीकृति भी प्रदान करता है कि यूजर फाइलों को बदल सकें तथा उनमें परिवर्तन कर सकें। इसके लिए किसी टैक्स्ट एडीटर की आवश्यकता होती है।

(iv) प्रोसेसर मैनेजमेंट (Processor Management) – इसके अंतर्गत वे कार्य प्रोसेसर को सौंपे जाते हैं जो कि एक कम्प्यूटर सिस्टम द्वारा पूर्ण किये जाने हैं।

(v) गतिविधियों का संचालन (Monitoring Activities) – प्रक्रिया के दौरान ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर सिस्टम की गतिविधियों का ध्यान रखता है। प्रोग्राम में त्रुटि होने पर वह उन्हें निरस्त (terminate) करता है। इसी प्रकार इनपुट/आउटपुट डिवाइसेज में आने वाली किसी भी अप्रत्याशित त्रुटि के लिए यूजर को तत्काल संदेश भी ऑपरेटिंग सिस्टम देता है। जब अनेक यूजर्स द्वारा संचालित सिस्टम में ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयुक्त किया जाता है तो यह सिस्टम को सुरक्षा (security) भी प्रदान करता है जिससे अवैध यूजर (unauthorized user) सिस्टम से डेटा को प्राप्त न कर सकें।

(vi) संसाधनों और कार्यों की अनुसूची बनाना (Scheduling of Resources and Jobs) -ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर सिस्टम की डिवाइसेज के लिए किये जाने वाले कार्यों की सूची तैयार करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यह निर्णय करता है कि किस डिवाइस का उपयोग किस कार्य के लिए होना है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के शेड्यूलिंग प्रोग्राम कार्यों के संपन्न होने का क्रम (order) निर्धारित करते हैं। यूजर द्वारा कार्यों को करने में दी गई प्राथमिकता (priority) के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम इन्हें सम्पन्न करता है। यह कार्यों को डिवाइसेज की प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराता है। सी.पी.यू. के कार्य करने की गति इनपुट/आउटपुट डिवाइसेज के कार्य करने की गति से बहुत अधिक होती है, इस गति की असमानता को ऑपरेटिंग सिस्टम व्यवस्थित करता है और इनपुट/आउटपुट क्रियाओं के दौरान सी.पी.यू. को अन्य कार्य सौंपता है जिससे सी. पी.यू. का समूचित प्रयोग हो सके।

(vii) ऑपरेटिंग सिस्टम, कम्प्यूटर सिस्टम तथा यूजर के मध्य एक अच्छा कम्युनिकेशन स्थापित करता है।

(viii) यह मनुष्य द्वारा दिये गये विभिन्न निर्देशों व हार्डवेयर के मध्य परस्पर सम्बन्ध स्थापित करता है।

(ix) इसमें जॉब प्राथमिकता (job priority) का निर्माण करके उसको बढ़ावा दिया जाता है। यह निर्धारित करता है कि एक कम्प्यूटर सिस्टम में कौन-सा कार्य पहले किया जाना चाहिए।

(x) इसकी सहायता से कुछ विशेष कंट्रोल प्रोग्रामों द्वारा जॉब में स्वतः परिवर्तन किया जा सकता है।

(xi) यह कम्पाइलर, असेम्बलर, यूटीलिटी प्रोग्राम तथा अन्य सॉफ्टवेयरों को विभिन्न यूजरों को प्रदान करके उनमें समन्वय स्थापित करता है।

(xii) यह डेटा की सुरक्षा करके एकता (integrity) का निर्माण करता है जिससे कि विभिन्न प्रोग्रामों तथा डेटा के बीच कोई मतभेद पैदा न हो।