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Que : 51. कम्प्यूटर ग्राफिक्स क्या है? वर्गीकरण करते हुए समझाइए एवं उसके लिए हार्डवेयर की आवश्यकता लिखिए।
Answer:

उत्तर- कम्प्यूटर ग्राफिक्स, कम्प्यूटर की मदद से पिक्चरों को उत्पन्न, रिप्रेजेंट, मेनीपुलेट तथा प्रदर्शित करता है। ग्राफिक्स मल्टीमीडिया का एक महत्वपूर्ण घटक (component) है क्योंकि यह पिक्चर तथा सूचनाओं को स्पष्ट करने का एक प्रभावशाली तरीका है। इसका उपयोग छोटे बच्चों को पढ़ाने तथा चित्र को टैक्स्ट के साथ प्रस्तुत करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए, किसी घोड़े (horse) के फोटोग्राफ को उसके टैक्स्चुअल विवरण के साथ प्रदर्शित करना, उसके स्पष्टीकरण को बहुत अधिक प्रभावशाली बनाता है। फोटोग्राफ के बिना, केवल टैक्स्ट के द्वारा यह स्पष्ट करना कि घोड़ा कैसा दिखाई देता है, बहुत ही मुश्किल है।

ग्राफिक्स के प्रकार (Types of Graphics)- कम्प्यूटर ग्राफिक्स में उपयोग की जाने वाली पिक्चर्स निम्नलिखित दो प्रकार की होती हैं-

(i) रेखा चित्र (Line Drawing) - ये ड्रॉइंग 2D तथा 3D प्रारूप में स्पष्ट होती हैं जो कि मैथेमेटिकल रिप्रेजेंटेशन के साधारण ऑब्जेक्ट, जैसे – लाइन, सर्कल, आर्क इत्यादि के द्वारा उत्पन्न की जाती है। उदाहरण के लिए, कुर्सी का चित्र लाइन तथा आर्क की मदद से बनाया जा सकता है। न्यूमैरिकल परिणाम जो कि कम्प्यूटेशन से प्राप्त होते हैं, साधारण ऑब्जेक्ट की मदद से उन्हें ग्राफिक्स प्रारूप, जैसे – ग्राफ, पाई चार्ट में परिवर्तित किया जा सकता है।

कम्प्यूटर ग्राफिक्स का वो क्षेत्र जो कि इस प्रकार की पिक्चरों के साथ कार्य करता है, जनरेटिव ग्राफिक्स कहलाता है। सामान्यतः अधिकतम किताबों के डायग्राम इसी तकनीक के द्वारा बनाये जाते हैं। जनरेटिव ग्राफिक्स के दो महत्वपूर्ण अनुप्रयोग कम्प्यूटर एडेड डिजाइन (CAD) तथा कम्प्यूटर एडेड मैन्युफेक्चरिंग (CAM) हैं। आजकल कैड का उपयोग मुख्यतः एयर क्राफ्ट, पानी के जहाज, बिल्डिंग स्ट्रक्चर, कैमिकल प्लान्ट पाइपलाइन आदि के डिजाइनिंग मॉडल को तैयार करने में किया जाता है। इन ड्रॉइंग्स पर आधारित मेन्यूफेक्चरिंग सूचनाओं, जैसे- पार्ट्स लिस्ट, सब असेम्बली लिस्ट आदि को कैम पैकेज के उपयोग द्वारा ऑटोमेटिकली उत्पन्न किया जा सकता है।

(ii) इमेजेज (Images)- ये पिक्चर तथा फोटोग्राफ होते हैं जो कि पिक्सल के समूह से मिलकर बने होते हैं। किसी इमेज के पिक्सेल द्विविमीय (two-dimensional) मैट्रिक्स में व्यवस्थित होते हैं। यह द्विविमीय प्रस्तुतीकरण इमेज रिजोल्यूशन कहलाता है।

प्रत्येक पिक्सल तीन घटकों, जैसे – लाल (R) हरा (G) तथा नीला (B) से मिलकर बना होता है। डिस्प्ले स्क्रीन पर पिक्सल का प्रत्येक घटक फॉस्फोर के अनुरूप होता है। फॉस्फोर तभी उछीप्त (glow) होता है जब यह इलेक्ट्रॉन गन के द्वारा उत्तेजित किया जाता है। भिन्न-भिन्न RGB तीव्रता (intensity) के विभिन्न संयोजन (combinations) विभिन्न प्रकार के रंग उत्पन्न करते हैं। कम्प्यूटर ग्राफिक्स का वह क्षेत्र जो इस प्रकार के चित्रों के साथ कार्य करता है, कॉग्निटिव ग्राफिक्स कहलाता है। इमेज प्रोसेसिंग में कॉग्निटिव ग्राफिक्स का उपयोग चित्र को पहचानने में किया जाता है।

ग्राफिक्स के लिए हार्डवेयर की आवश्यकता (Hardware Requirements for Graphics)- ग्राफिक्स के लिए निम्नलिखित हार्डवेयर की आवश्यकता होती है-

(i) लोकेटिंग डिवाइस (जैसे कि माउस, जॉयस्टिक, स्टायलस) वीडियो टर्मिनल तथा इसके साथ साथ ड्रॉइंग सॉफ्टवेयर से जुड़कर जनरेटिव ग्राफिक्स अनुप्रयोग के लिए स्कैच की मदद से पिक्चरों को सीधे कम्प्यूटर स्क्रीन पर बनाने के लिए उपयोग की जाती है।

(ii) फ्लैट बैड अथवा रेक्टेगुलर कोऑर्डिनेट डिजिटाइजर का उपयोग भी इनपुट डिवाइस की तरह जनरेटिव अनुप्रयोगों के लिए पहले से उपस्थित रेखाचित्रों को सीधे कम्प्यूटर पर इनपुट कराने के लिए किया जाता है।

(iii) स्कैनर का उपयोग कॉग्निटिव ग्राफिक्स में ग्राफ को कैप्चर करने तथा ड्रॉइंग्स को डिजिटल इमेज में प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है।

(iv) डिजिटल इमेज, डिजिटल कैमरा तथा फ्रेम कैप्चर हार्डवेयर, जैसे कि वीडियो कैप्चर बोर्ड जो कि स्टैण्डर्ड वीडियो सोर्स, जैसे – वीडियो कैमरा अथवा वीडियो कैसेट रिकॉर्डर (VCR) से जुड़े रहते हैं, के द्वारा सीधे ही कैप्चर किये जाते हैं।

(v) कम्प्यूटर स्क्रीन जिसमें ग्राफिक्स डिस्प्ले क्षमता पाई जाती है, का उपयोग ग्राफिक्स को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

(vi) लेजर प्रिंटर का उपयोग आउटपुट ग्राफिक्स को हार्डकॉपी के रूप में प्रस्तुत करने में किया जाता है।

(vii) प्लॉटर का भी उपयोग आउटपुट ग्राफिक्स को हार्डकॉपी के रूप में प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है।