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Que : 150. ई- मेल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

ई-मेल तथा वेबसाइट्स पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
Answer:

उत्तर - ई-मेल (E-mail) - ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल इंटरनेट पर दी जाने वाली अत्यंत लोकप्रिय एवं सस्ती सेवा है। इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) यह सेवा सभी यूजर को प्रदान करते हैं। अतः ई-मेल एक ऐसा सिस्टम है जिसमें एक कम्प्यूटर दूसरे कम्प्यूटर यूजर से कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से सूचना का आदान-प्रदान कर सकता है। इसके द्वारा बिना

किसी खर्च के किसी भी पाठ्य, चित्र, ध्वनि अथवा फाइल का आदान-प्रदान किया जा सकता है। ई-मेल की शुरूआत 1970 के लगभग APRANET के साथ हुई थी लेकिन अब यह बिजनेस कम्युनिकेशन की मुख्य विधा है। इंटरनेट पर ई-मेल भेजने तथा प्राप्त करने के लिए SMTP तथा POP प्रोटोकॉल का उपयोग होता है।

ई-मेल मैसेज निम्नलिखित अवयवों (पदों) से मिलकर बना होता है-

(i) हेडर (Header) - ई-मेल का सबसे ऊपरी भाग हेडर कहलाता है। यह प्रेषित तथा प्राप्त दोनों मेल में महत्वपूर्ण सूचना स्टोर करके रखता है। प्रत्येक हेडर का एक निश्चित नाम व उद्देश्य होता है। हेडर के प्रमुख अवयव तथा कार्य निम्नलिखित हैं-
 

क्र.स.

अवयव

कार्य

(i)

सेडर

यह ई-मेल भेजने वाले व्यक्ति का पता दर्शाता है।

(ii)

टू

यह ई-मेल प्राप्त करने वाले व्यक्ति का ई-मेल एड्रेस बताता है।

(iii)

सी.सी.

इसका अर्थ कार्बन कॉपी है। यह दूसरे (द्वितीयक) प्राप्तकर्ता का ई-मेल एड्रेस होता है।

(iv)

बी.सी.सी.

इसका अर्थ कार्बन कॉपी से है। यह एड्रेस प्राथमिक तथा द्वितीयक प्राप्तकर्ता के अतिरिक्त ऐसे प्राप्तकर्ता होते हैं जिनके बारे में अन्य प्राप्तकर्ता को सूचित नहीं किया जाता है।

(v)

रिटर्न पाथ

यह सेंडर का पाथ चिन्हित करता है तथा इसे वापस सेंडर को उत्तर देने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

(vi)

सब्जेक्ट

इसमें ई-मेल संदेश का विषय होता है।   

(vii)

डेट

यह ई-मेल भेजने का समय तथा तारीख दर्शाता है|


  (ii) बॉडी (Body) - यह किसी ई-मेल का वह भाग है जो ई-मेल भेजने वाले का संदेश रखता है। संदेश में टैक्स्ट, ध्वनि, चित्र इत्यादि हो सकते हैं।

(iii) हस्ताक्षर (Signature) - हस्ताक्षर कोई हस्ताक्षरित नाम नहीं होता है बल्कि यह रोज का एक ऐसा क्रम है जो कि ई-मेल भेजने वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी देता है। इस भाग में यूजर अपना नाम, पता, फोन नंबर, ई-मेल एड्रेस आदि लिखता है। ई-मेल के इस भाग का प्रयोग पूर्ण रूप से एच्छिक होता है। चूँकि हस्ताक्षर सामान्यतः सभी ई-मेल के साथ हाते हैं अतः इसमें सावधानी बरतनी चाहिए कि यह अधिक लंबा न हो । सामान्यतः यह पाँच लाइन तक ही सीमित होता है।

(iv) अटैचमेंट (Attachment)- ई-मेल संदेश फाइल के रूप में अतिरिक्त सूचना स्टोर करते हैं, जिसे अटैचमेंट कहते हैं। इसमें वर्ड प्रोसेसिंग डॉक्यूमेंट्स स्प्रेडशीट्स, इमेज, चित्र, वीडियो आदि को स्टोर किया जा सकता है।

(v) ई-मेल पता (E-mail Address) - संदेश प्रेषित करते समय सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसका पता होता है। यह पता उस स्थान के विवरण को दर्शाता है जहाँ ई-मेल भेजा जा रहा है।

प्रारूपिक ई-मेल एड्रेस के प्रमुख अवयवों को नीचे दर्षाया गया है-



वेबसाइट (Website) - वेबसाइट आपस में जुड़े हुए वेब पेजों का समूह होता है। एक वेबसाइट एक वेब पेज या फिर दर्जनों या सैकड़ों वेब पेजों की भी हो सकती है। किसी भी वेबसाइट का पहला या टॉप पेज होम पेज कहलाता है। होम पेज की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होती है। यह साइट को संगठित कर यूजर को साइट पर उपलब्ध जानकारी को ढूँढने में मदद करता है। अंडरलाइन या हाइलाइट किये हुए हायपरलिंक टैक्स्ट होम पेज पर अक्सर शामिल किये जाते हैं। हाइपरलिंक वेब पेजों को अन्य पेजों से जोड़ता है। एक वेबसाइट के अंतर्गत किसी भी संस्था की समस्त सूचना को रखा जाता है अर्थात् वेबसाइट एक ऐसा नाम होता है जिसके माध्यम से उस संस्था के बारे में समझा जा सकता है।

एक अच्छी वेबसाइट का डोमेन नेम संभवतः छोटा, आसान व हाइफन मुक्त होता है। इसमें दर्शकों की पसंद व रुचि का विशेष ध्यान रखा जाता है।

विभिन्न वेबसाइट के नाम निम्नलिखित हैं -

(i) www.yahoo.com

(ii) www.rediffmail.com

(iii) www.google.com

(iv) www.webdunia.com

(v) www.naukri.com

(vi) www.monsterindia.com

(vii) www.zapak.com

(viii) www.bhaskar.net

(ix) www.artattack.co.in

वेबसाइट के अनुप्रयोग (Applications of Website) - वेबसाइट के प्रमुख अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं-

(i) यह ई-मेल सर्विस प्रदान करती है।

(ii) यह सेवाओं की व्यवस्था के जरिये ग्राहक निष्ठा का विकास करती है।

(iii) यह ग्राहकों को सामान व सेवाएँ खरीदने में समर्थ बनाती है।

(iv) यह ऑनलाइन आरक्षण (reservation) की सुविधा प्रदान करती है।

(v) यह मनोरंजन सेवाएँ, जैसे- वीडियो गेम खेलना, म्यूजिक सी. डी. सुनना, मूवी देखना इत्यादि प्रदान करती है ।

(vi) यह न्यूजग्रुप सर्विस प्रदान करती है।

(vii) यह ई-कॉमर्स तथा अन्य ई-सर्विस प्रदान करती है ।

(viii) यह शिक्षण सेवाएँ, जैसे - ऑनलाइन टीचिंग प्रदान करती है।

वांछित वेबसाइट को देखने तथा ढूँढने के लिए उपयोग होने वाले साधन वेबसाइट को कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखने के लिए किसी भी सर्च इंजन पर वांछित वेबसाइट का नाम लिखते हैं। सर्च इंजन इस नाम को अपने डेटाबेस में सर्च करता है और उसे अपनी कम्प्यूटर स्क्रीन पर डिस्प्ले करता है।

इसी प्रकार किसी वांछित वेबसाइट को सर्च करने के लिए कई प्रकार के साधन या टूल्स प्रयोग में लाये जाते हैं। वेब सर्च इंजन पर वांछित वेबसाइट के टैक्स्ट को लिखते हैं तथा इसके पश्चात् सर्च बटन पर क्लिक करते हैं। सर्च इंजन डेटाबेस में से उस टैक्स्ट से संबंधित अन्य टैक्स्ट को सर्च बॉक्स में दिखाता है। यूजर इन टैक्स्ट में से वांछित वेबसाइट को सिलैक्ट कर उसे सर्च कर सकता है। वेबसाइट को देखने तथा ढूँढने के लिए निम्नलिखित साधन या टूल उपयोग किये जाते हैं-

(i) डायरेक्ट्री-बेस्ड सर्च टूल, जैसे-

http://www.yahoo.com, http:// www.about.com, http://www.excite.com आदि।

(ii)फुल टैक्स्ट सर्च टूल, जैसे-

http://www.altavista.digital.com, http://www.infoseek.com, http://www.excite.com आदि।

(iii)एक्सट्रैक्टिंग सर्च टूल जैसे -

http://www.lycos.com, http:// www.webcrawler.com, http://www.hotbot.com आदि।

(iv) सब्जेक्ट स्पेसीफिक सर्च टूल, जैसे -

http://www.search.com, http:// www.clearinghouse.net आदि।

(v) मैटा सर्च टूल, जैसे-

http://www.infind.com, http://www.dogpile.com, http://www.metacrawler.com आदि।