रसायनशास्त्र

प्रश्न 54 : हाइजेनबर्ग की अनिश्चितता का सिद्धान्त क्या है?

उत्तर– हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धान्त के अनुसार, किसी भी विशेष क्षण पर कण की स्थिति एवं संवेग का एक साथ यथार्थता से निर्धारण करना असम्भव है। यह सिद्धान्त तरंग यान्त्रिकी का आधारभूत स्तम्भ है।

गणितीय रूप में—

यह सिद्धान्त व्यापक है तथा सूक्ष्म व स्थूल कण दोनों पर लागू होता है। परन्तु जिन स्थूल या बड़े कणों को नग्न आँखों से देखा जा सकता है, उन पर यह सिद्धान्त लागू नहीं होता है।

यदि हम कण की सही स्थिति ज्ञात करना चाहते हैं तो कण के संवेग ज्ञात करने में अनिश्चितता बढ़ जायेगी जबकि इसके विपरीत संवेग सही ज्ञात करना चाहते हैं तो स्थिति को मापने में अनिश्चितता बढ़ जायेगी।


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