Zoology प्राणीशास्त्र

प्रश्न 88: जलचक्र का विवेचन कीजिए।

उत्तर- जलचक्र- जल जीव एवं जीवनीय प्रकार्यों में अतिमहत्त्वपूर्ण द्रव्य है। जल चक्र का बहुत बड़ा भाग भूतल एवं वायुमण्डल के वर्षा एवं वाष्पन के माध्यम से सम्पन्न होने वाले विनिमय पर आधारित होता है। जल का वायु, थल और समुद्र मध्य तथा जैविक जीव एवं उनके वातावरण के जीव का रूपान्तरण एक चक्रीय तरीके से होता है, यह जल चक्र के द्वारा ही पूर्ण होता है।

जल चक्र वाष्पन, वाष्पोत्सर्जन, बादल बनना, अवक्षेपण आदि क्रियाओं को प्रभावित करता है। इनमें से मुख्य क्रिया वाष्पन की है, क्योंकि यह वायुमण्डल की आर्द्रता को बनाये रखता है तथा बादल बनाने एवं अवक्षेपण के लिए आवश्यक नमी देता है। पृथ्वी पर जल का स्रोत सागर है। यहीं से "जल वाष्प बनकर वर्षा एवं हिम के रूप में पृथ्वी पर अवपतित होता है। वर्षा का जल, प्रवाहज़ल के रूप में नदियों द्वारा आंशिक रूप से पुनः सागर में, एवं वाष्पन द्वारा वायुमण्डल में मिल जाता है। कुछ अंश पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण द्वारा भूतल के मिथले स्तरों में भूमिजल के रूप में संचित होता रहता है।

वायुमण्डलीय ऑक्सीजन इसी रूप में उपापचय में केवल श्वसन के द्वारा ही प्रवेश होती है तथा उपपचय से प्रकाश संश्लेषण द्वारा बाहर निकलती है। तब यह जल से मिलती है और इस रूप में यह जल चक्र से या अप्रत्यक्ष रूप से कार्बन चक्र से सम्बन्धित हो सकता है। इस तरह इन तीनों चक्रों के बीच एक प्रकार का आपसी सम्बन्ध रहता है।


चित्र: ऑक्सीजन, जल और कार्बन चक्रों में परस्पर सम्बन्ध


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