Zoology प्राणीशास्त्र

प्रश्न 129 : मधुमक्खी के आर्थिक महत्त्व की व्याख्या कीजिये।

उत्तर- मधुमक्खी का आर्थिक महत्त्व- मधुमक्खी पालन के मुख्य उत्पाद मधु एवं मधुमक्खी मोम है जो अनेक कार्यों में काम में लिए जाते हैं।

(1) मधु के उपयोग (Uses of honey) : मधु मनुष्य के द्वारा प्राकृतिक मीठे के रूप में रोटी और मिठाई एवं केन्डी (candy) बनाने में प्रयोग किया जाता है। मधुमेह (diabetes) के रोगियों के लिए मुख्य भोजन माना जाता है। कठिन शारीरिक व्यायाम करने वाले मनुष्यों के लिए यह एक लाभदायक भोज्य पदार्थ है। मधु का उपयोग आयुर्वेदिक एवं यूनानी पद्धतियों में खाँसी की रोकथाम, सर्दी, बुखार, रक्तक्षीणता (anaemia) एवं रक्त शुद्धिकरण (blood purification) आदि में किया जाता है। इसका सेवन कुपोषण से होने वाले हृदय रोगों, अपाचन, मधुमेह आदि में भी किया जाता है। इसके अलावा यह भी ज्ञात हुआ है कि मधु के उपयोग से टायफॉइड के जीवाणु 48 घंटों में, ब्रोंकिया निमोनिया के 4 दिन में तथा आन्त्रशोथ के जीवाणु 50 घंटों में नष्ट हो सकते हैं।

(2) मधुमक्खी का मोम (Bees-wax) : मधुमक्खी-मोम एक अवशिष्ट (bee-product) परन्तु लाभदायक पदार्थ है जो मधुमक्खीपालन से प्राप्त किया जाता है। मोम श्रृंगार के समान अर्थात् कांतिवर्द्धक वस्तुओं के बनाने के उद्योगों में आधार पदार्थ (base substance) के रूप में प्रयोग होता है। मधुमक्खी के मोम का उपयोग कान्तिवर्द्धक वस्तुओं के अतिरिक्त कोल्ड-क्रीम, शेविंग-क्रीम, मोमबत्तियाँ (candles), पॉलिश, कार्बन-पेपर आदि पदार्थों के निर्माण में भी किया जाता है।

(3) कृषि में योगदान (Contribution in agriculture) : मधुमक्खियाँ कृषि के लिए परागण (pollination) में बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। जहाँ मधुमक्खियों की संख्या अधिक होती है, वहाँ पर नये-नये फलों की खेती अत्यधिक होती है। केवल मधुमक्खियाँ ही ऐसे परागण-कीट (pollen insect) हैं जो मनुष्य द्वारा नियन्त्रित हो सकती हैं और इसलिए कृषि में इनको बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है।


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