Zoology प्राणीशास्त्र

प्रश्न 122: नियत क्रिया प्रतिमान (FAP) की अभिधारणा को समझाइये।

उत्तर- फिक्सड एक्शन पैटर्न (FAP)- सहज अर्थात् जन्मजात (innate or instinctive or in born) व्यवहार जो जाति विशेष (species specific) में स्थायी (fixed) एवं रूढ़ प्रकार का (stereotype), समन्वयित (coordinated) प्रेरक क्रियाओं (motor activities) का क्रम होता है, स्थायी क्रिया क्रम या FAP कहलाता है। इस प्रकार का अंतर्निहित व्यवहार, किसी जाति विशेष का जन्तु बिना किसी पूर्व अनुभव अथवा ज्ञान के स्वतः ही निष्पादित करता है अर्थात् ये लक्षण विशिष्ट जीनों के द्वारा एक पीढी से दूसरी पीढ़ी में पूर्णतया स्थानान्तरित किए जाते हैं।

किसी भी प्रकार के व्यवहार को रूढ़ तब कहा जायेगा जबकि इसे बार-बार एक ही विशिष्ट क्रम में दोहराया जाए। कई बार रूढ़ता इतनी तीव्र हो जाती है कि प्राणी अनेक ऐसी क्रियाओं का परित्याग कर देता है जो बीच-बीच में आती है और एक ही प्रकार के कृत्यों को निश्चित क्रम में सम्पन्न करा कर निश्चित व्यवहार की अभिव्यक्ति कराता है।

रूढ़ व्यवहारों की श्रेणी में अनुचलन (taxex), प्रतिवर्ती क्रियाएँ (reflex actions), अधिगम (learning) व अन्य जन्मजात या सहज प्रकार के व्यवहार (instincts) सम्मिलित किए जाते हैं। कीटों में सामाजिक संगठन, मकड़ियों द्वारा जाले (web) का बुनना अथवा पक्षियों में पैतृक संरक्षण सभी सहज व्यवहार के उदाहरण हैं। मानव शिशुओं का हँसना-रोना अथवा रेंगकर चलना भी FAP के उत्तम उदाहरण हैं।

इसी प्रकार प्रजनन काल में मोरनी को देखकर मोर का नाचना व मोरनी को रिझाने का क्रम अथवा दर्जी चिड़िया (Tailor bird) के द्वारा उच्च कोटि के जटिल संरचना वाले घोंसलों का निर्माण सहज व्यवहारों की श्रेणी में सम्मिलित किए गए हैं क्योंकि प्राणी अपने जीवन काल में इन्हें सीखता नहीं है। शिशुओं को अपनी ही जाति के सदस्यों से पृथक रखने के उपरान्त, भी इनमें जाति विशिष्ट व्यवहारों का उचित निष्पादन प्रमाणित करता है कि बिना किसी पूर्व अनुभव के ये जाति विशिष्ट व्यवहारों का प्रदर्शित करने में सक्षम होते हैं।


चित्र-बया द्वारा घोंसला बनाने का सहज व्यवहार

लॉरेन्स (Laurence) के अनुसार, ज़न्तु जब (FAP) का प्रदर्शन करता है। तो ऐसा प्रतीत होता है मानो यह किसी प्रकार के दिमागी तनाव से मुक्ति पा रहा हो (releasing some tension), इसे इन वेकुओ रिलीज (In Vaccuo Release) कहते हैं।

उदाहरण- 1. ग्रे लेग गूज (Grey leg Goose) में FAP का उदाहरण देखा जा सकता है। ये पक्षी मैदानों में उथले (shallow) घोंसलों का निर्माण करते हैं। अण्डों के घोंसले से बाहर गिरने की स्थिति में ये इन्हें एक विशिष्ट क्रम में फिर से घोंसले में लुढ़का लेते हैं। पक्षी, सबसे पहले बाहर लुढ़के हुए अण्डे को देखता है तत्पश्चात् कुछ ऊँचा होकर वह इसे अपनी चोंच से छूने की कोशिश करता है एवं अंततः इस पर अपनी चोंच स्थापित कर इसे वापस घोंसले में लाने के लिए बार-बार लयबद्ध तरीके से निश्चित क्रमबद्ध में अपनी गर्दन घुमाता है।

इस प्रकार का व्यवहार ग्रे लेग गूज (Greyleg Goose) में विशेष रूप से देखने को मिलता है, चाहे ये किसी भी जगह, किसी भी प्रकार की प्राकृतिक अवस्था में वास करते हों।


चित्र- ग्रे लेग गुज का लुढ़के हुए अण्डे का घोंसले में पुनः स्थापित करना

उदाहरण 2. केनरी हैन (Cannary Hen) जिसे इसके प्रजनन काल के समय, पिंजरे में घोंसला बनाने की विशिष्ट सामग्री से संचित रखा जाए तो इसे स्वयं का पंख चोंच में दबाए पिंजरे के एक सिरे से दूसरे सिरे तक लगातार परेशान अवस्था में उड़ते देखा जा सकता है। घोंसला बनाने के निश्चित स्थान पर पहुँचने पर यह इस प्रकार का व्यवहार दर्शाती है, जैसा यह वास्तव में घोंसला बनाते समय करती है।

उदाहरण 3. गिलहरियों को अन्य समजातीय सदस्यों से अलग रखकर एकान्त में पाला गया और इन्हें भोजन के रूप में मूंगफली के दाने (नट्स) भी नहीं दिये गये। कुछ दिनों के बाद इन्हें सीमेन्ट के फर्श वाले पिंजरे में छोड़ दिया गया एवं खाने के ढेर सारे मूंगफली के दाने नट्स दिये गये। गिलहरियों ने कुछ नट्स (दाने) खाने के बाद शेष नट्स को फर्श को खोद कर इसमें दबाने की कोशिश की जो वास्तव में इनका जाति विशेष स्वभाव है। यद्यपि फर्श के सीमेन्ट से बनी होने के कारण वे इस कृत्य में सफल नहीं हो सकी। अतः नट्स को जमीन खोदकर बाद में इसे मिट्टी से दबाने एवं छिपाने की प्रवृत्ति गिलहरियों का सहज व्यवहार है।


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